
आज का युग अर्थ प्रधान है और हमें अपने जीवन में कई बार कर्जा लेने की जरूरत हो जाती है। कुछ लोगों को कर्जा बेहद आसानी से मिल जाता है वहीं कई मामलों में कर्जा आसानी से नहीं मिलता। इसके साथ ही कर्जा चुकाने में भी अलग-अलग अनुभव हैं। हमने देखा है कि कुछ व्यक्ति कर्जे को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते और बेहद आसानी से चुकता कर देते हैं वहीं कुछ के साथ कर्ज अदायगी एक समस्या बन जाती है और व्यक्ति की साख खराब हो जाती है। कर्जा या ऋण ज्योतिष में मुख्य रूप से मंगल से जुड़ा है और मंगल की स्थिति ठीक न होने पर व्यक्ति को कर्जा लेना ही पड़ता है। इसी के साथ कुण्डली मे छठा भाव भी कर्ज से जुड़ा है और इसके आधार पर यह बताया जा सकता है कि : कोई व्यक्ति कर्जा कब लेगा ? कर्जा आसानी से मिलेगा या नहीं ? अदायगी आसानी से हो जाएगी या समस्यायें आयेंगी ? मंगल , षष्ठेश और छठे भाव के दूसरे और ग्यारहवें भाव से जुड़ने पर कर्जा आसानी से मिलता है और अदायगी भी आसानी से हो जाती है। कर्जे से प्राप्त धन का सदुपयोग भी होता है। वहीं यदि यह आठवें भाव से जुड़ जायें तो कर्जा मुश्किल से मिलता है। बैंकिंग संस्थान या लोन...