आज का युग अर्थ प्रधान है और हमें अपने जीवन में कई बार कर्जा लेने की जरूरत हो जाती है। कुछ लोगों को कर्जा बेहद आसानी से मिल जाता है वहीं कई मामलों में कर्जा आसानी से नहीं मिलता। इसके साथ ही कर्जा चुकाने में भी अलग-अलग अनुभव हैं। हमने देखा है कि कुछ व्यक्ति कर्जे को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते और बेहद आसानी से चुकता कर देते हैं वहीं कुछ के साथ कर्ज अदायगी एक समस्या बन जाती है और व्यक्ति की साख खराब हो जाती है।
कर्जा या ऋण ज्योतिष में मुख्य रूप से मंगल से जुड़ा है और मंगल की स्थिति ठीक न होने पर व्यक्ति को कर्जा लेना ही पड़ता है। इसी के साथ कुण्डली मे छठा भाव भी कर्ज से जुड़ा है और इसके आधार पर यह बताया जा सकता है कि:
  • कोई व्यक्ति कर्जा कब लेगा?
  • कर्जा आसानी से मिलेगा या नहीं?
  • अदायगी आसानी से हो जाएगी या समस्यायें आयेंगी?
मंगल, षष्ठेश और छठे भाव के दूसरे और ग्यारहवें भाव से जुड़ने पर कर्जा आसानी से मिलता है और अदायगी भी आसानी से हो जाती है। कर्जे से प्राप्त धन का सदुपयोग भी होता है। वहीं यदि यह आठवें भाव से जुड़ जायें तो कर्जा मुश्किल से मिलता है। बैंकिंग संस्थान या लोन देने वाली संस्था/व्यक्ति को बृहस्पति से देखा जाता है। अगर बारहवां भाव, ग्यारहवें भाव से ज्यादा बली हो तो कर्ज अदायगी में मुश्किल आती है। राहू की दशा या अन्तर्दशा में यदि कर्जा लेना हो तो दस्तावेजों की जांच पूरी गम्भीरता से करने के बाद ही हस्ताक्षर करें। यदि किसी कुण्डली में आठवें भाव का सम्बन्ध 5, 6 और 12 वे भाव से हो जाय तो ऐसा जातक सभी से उधार लेता रहता है। एक से कर्ज लेकर दूसरे को चुकाता है।

कर्जा चुकाने के लिए ज्योतिषीय उपाय:
  • मंगलवार को कर्जा लेने से बचें। इस दिन कर्जा लेने से इसे चुकाने में काफी दिक्कतें आती हैं।
  • मंगल को बली बनायें। हनुमानजी की उपासना से मंगल को बली बनाया जा सकता है
  • यदि मंगल दुःस्थानों से जुड़ा हो तो मंगल से जुड़ी वस्तुओं के दान से आराम मिलता है।
  • मंगल स्त्रोत जिसे ऋणहर्ता स्त्रोत भी कहा जाता है का नित्य जाप करने से भी कर्जा आसानी से उतर जाता है।
  • इसके अलावा जन्मपत्रिका में चल रही दशा-अन्तर्दशा और गोचर के ग्रहों को भी देखा जाता है और विपरीत असर दे रहे ग्रहों के उपाय से भी आराम मिलता है।

Comments

Anonymous said…
Informative.

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