ज्योतिष की उपादेयता तथा प्रासंगिकता

परिवर्तन शाश्वत हैं और इसी से जीवन गतिमान है। हम सभी परिवर्तनों को यथावत स्वीकार नहीं करते अपितु वे परिवर्तन जो हमारी मनोदशा के अनुकूल न हों उनका यथाशक्ति प्रतिरोध करते हैं चाहे हम समर्थ हों अथवा नहीं और चाहे वे परिवर्तन हमारे लिये भविष्य में लाभदायक ही हों। आज हम एक नये दौर में प्रवेश कर गये हैं जिसकी वजह से हमारे जीवन में अनपेक्षित बदलाव आ रहे हैं। अचानक ही कई नये विषय महत्वपूर्ण हो गये हैं तथा पुराने क्षेत्र एवं विषय अप्रासंगिक हो गये हैं। जहां इससे कई अवसर समाप्त हो गये हैं वहीं कई नई संभावनाओं के द्वार भी खुल गये हैं। इस परिस्थिति से तारतम्य बिठाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पहले संयुक्त परिवार प्रथा में महत्वपूर्ण विषयों पर राय घर में ही मौजूद थी जिससे अनचाही परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलती थी। अब एक तरफ तो संयुक्त परिवारों का विघटन हो गया है तथा दूसरी ओर हमारे बुजुर्ग नये क्षेत्रों तथा विषयों से अनभिज्ञ होने के कारण कोई राय दे पाने में असमर्थ हो गये हैं। इस प्रतिस्पर्धा के युग में हमें लगातार महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ रहे हैं और हमेशा यह डर बना रहता है कि कहीं गलती न हो जाय। पैसा तो फिर कमाया जा सकता है लेकिन बीता हुआ समय कोई नहीं लौटा सकता। एक गलत निर्णय जीवन में वर्षों पीछे धकेल सकता है। हम राय लेने कहां जायें, कोई योग्य तथा विश्वसनीय सलाहकार मिलना मुश्किल ही होता है। इस लेख का आशय ज्योतिष के उस कम परिचित रूप को सामने लाना है जिसकी सहायता से इस दुविधा से पार पाई जा सकती हैं।
ज्योतिष को वेदों का नेत्र कहा गया है। जिस प्रकार चारों ओर के वातावरण का दर्शन कराने में आंखें मदद करती हैं उसी प्रकार जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अवसरों, बाधाओं, चिंताओं तथा सीमाओं का ज्ञान कराने में ज्योतिष त्रिनेत्र की तरह समर्थ है और इसकी सहायता से सहज और सार्थक जीवन जिया जा सकता है। ज्योतिष की उपादेयता को महज कुछ शब्दों में समेटने का दावा इस महत्वपूर्ण विषय के साथ अन्याय तथा पाठकों के साथ प्रहसन और आत्मश्लाघा की संज्ञा में ही आयेगा फिर भी एक विनम्र प्रयास है कि आप ज्योतिष की महत्ता का अनुभव कर सकें।
जीवन की जन्म से मृत्यु तक की सभी अवस्थाओं के महत्वपूर्ण विषयों पर ज्योतिष में गहन विचार किया गया है और विस्तार भय के कारण सभी का उल्लेख करना संभव नहीं है फिर भी कुछ महत्वपूर्ण विषय जिन पर हमें विशेषज्ञ राय की आवश्यकता रहती है उन पर रोशनी डाली गई है। आज के अर्थ प्रदान युग में वित्तीय समस्याओं के समाधान यथा वित्तीय नियोजन, निवेश, ऋण, विरासत, खर्च आदि के लिये किसी वित्तीय सलाहकार के साथ-साथ ज्योतिष की सहायता से चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं। इसी प्रकार विवाह संबंधी विषयों में उहापोह की स्थिति से बचाव के लिये ज्योतिषीय मार्गदर्शन लेने की परम्परा समाज में दृढ़ता से विद्यमान है। कैरियर संबंधी निर्णय लेते समय कैरियर काउंसलर के साथ-साथ ज्योतिषीय सहायता किसी व्यक्ति को उसके चरम पर पहुंचाने में सक्षम है। व्यापार तथा साझेदारी के प्रश्न पर भी ज्योतिष के माध्यम से ली गई राय किसी अनचाही स्थिति से बचाने में सक्षम है। रोग मुक्ति के प्रश्न पर ज्योतिषीय सहायता चिकित्सकीय इलाज के असर को कई गुणा बढ़ाने में सक्षम है। इसी प्रकार हमें माता-पिता, भाई-बहिन तथा संतान का सुख कितना मिलेगा इसका ज्ञान भी ज्योतिष कराता है तथा किसी विषय विशेष के सुख की प्राप्ति की बाधाओं को हटाने का सामर्थ्य भी ज्योतिष में हैं। शत्रु पीड़ा, मुकदमे, भाग्य की अवनति आदि से पीड़ित व्यक्ति भी अन्य उपयुक्त सलाहकारों के साथ-साथ ज्योतिषीय मार्गदर्शन से अपनी पीड़ा से मुक्ति पा सकते हैं। इसी प्रकार जिन्हें इहलोक के साथ-साथ परलोक सुधारने की चाह है वे भी अपने इष्ट देव का ज्ञान ज्योतिष के माध्यम से कर साधना पथ पर सुगमता से बढ़ सकते हैं। यदि उपरोक्त महत्वपूर्ण विषयों पर जन्म पत्रिका का विवेचन किसी योग्य, कुशल तथा अनुभवी ज्योतिष परामर्शदाता द्वारा किया जाय तो सहज, सरल तथा सुंदर जीवन की कल्पना साकार हो सकती है। यहां सावधानी यह बरतनी है कि किसी छद्‌म ज्योतिषी के फेर में न पड़ जायें जो कमजोर पक्ष को भुना कर समस्याओं की श्रृंखला को और बढ़ा दे।

Comments

36solutions said…
स्‍वागत है, भाई । ब्‍लाग के द्वारा सराहनीय कार्य कर रहे हैं आप । इस ब्‍लाग का पंजीकरण हिन्‍दी ब्‍लाग एग्रीगेटरों में करवायें ।


वर्ड वेरीफिकेशन हटा लेवें तो अच्‍छा था ।
Sanjeev said…
आपके सुझाव पर मैनें अमल कर वर्ड वैरीफिकेशन हटा दिया है। धन्यवाद, इसका पंजीकरण मेरे द्वारा नारद तथा चिट्ठाजगत पर कराया हुआ है।

संजीव शर्मा
ज्योतिष को आज विश्व ने मान्यता दी है। आपका लेख पढ़कर अच्छा लगा।
Pawan Kumar said…
मैं ज्योतिष में बहुत ज्यादा विश्वास नही करता फ़िर भी आपके लेख को पढ़ कर अच्छा लगा. ऐसा लगा कि इस पुरानी भारतीय परम्परा को आप जैसे लोग संजीदगी से आगे बढ़ा रहे हैं.
आपके ब्लॉग की फीड ठीक से कार्य नहीं कर रही है, जिस कारण आपकी पोस्ट हमारी वाणी सहित किसी भी फीड संकलक () पर प्रकाशित नहीं हो पाएगी। इसके साथ-साथ आपकी नई पोस्ट आपके फ़ोलोवर्स तक भी नहीं पहुंचेगी। संभवत: आपने अपने ब्लॉग के सेटिंग में फीड पते के सामने chitthajagat.in लिखा हुआ जिस कारण आपकी फीड का पता त्रुटी पूर्ण दिखाई दे रहा है। http://sanjeev-astrologer.blogspot.com/feeds/posts/chitthajagat.in

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